सक्ती। जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत सरकारी राशन दुकानों से घटिया गुणवत्ता का चावल वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि चावल में कनकी और पाखड़ की मिलावट है, जो खाने योग्य नहीं है। इस मामले ने स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है।
सक्ती। जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत सरकारी राशन दुकानों से घटिया गुणवत्ता का चावल वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि चावल में कनकी और पाखड़ की मिलावट है, जो खाने योग्य नहीं है। इस मामले ने स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है।