सार्वजनिक वितरण प्रणाली में घटिया चावल वितरण से ग्रामीणों में आक्रोश


सक्ती। जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत सरकारी राशन दुकानों से घटिया गुणवत्ता का चावल वितरित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि चावल में कनकी और पाखड़ की मिलावट है, जो खाने योग्य नहीं है। इस मामले ने स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश उत्पन्न कर दिया है।

हितग्राहियों का कहना है कि यह घटिया चावल सरकारी मानकों के अनुरूप नहीं है। कई लोगों ने शिकायत की है कि चावल में गंध है और इसे खाने से बीमार होने का खतरा है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी इस गड़बड़ी को नजरअंदाज कर रहे हैं। कहीं उनकी मिलीभगत से घटिया चावल वितरण का यह खेल तो नहीं चल रहा?

जिम्मेदारों पर उठे सवाल

इस मामले में ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन इसकी जांच करे। उनका कहना है कि जब राशन की जांच और वितरण सरकारी अधिकारियों की निगरानी में होता है, तो ऐसी लापरवाही कैसे हो रही है?

जांच और कार्रवाई की आवश्यकता 

यह मामला केवल ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवनयापन का नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता का भी है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस मामले में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हितग्राहियों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए।

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