सक्ती। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद और लोकसभा चुनाव के ठीक पहले अवसरवादी नेता पाला बदलते नजर आए.......
राजनीति में अवसर को अपनी नीति के अनुसार भुनाने में महारत रखने वाले इन नेताओं से चुनाव में किसको क्या फायदा और क्या नुकसान हो सकता है? राजनीति के जानकारों की माने तो यह पाला बदलने वाले अवसरवादी नेताओं के पार्टी छोड़ने और अन्य पार्टी में जुड़ने से किसी भी पार्टी को कोई नुकसान या फायदा नहीं होने वाला है। बल्कि यह अवसरवादी अपने स्वार्थ सिद्धी और राजनीति की दुकानदारी को चलाते रहने के लिए पाला बदले हैं। ऐसे अवसरवादी नेताओं पर जनता भी कम भरोसा करती है। उदाहरण के लिए एक राष्ट्रीय हास्य कलाकार, क्रिकेटर तथा दलबदलु नेता नवजोत सिंह सिद्धू है। जो पाला बदल बदलकर अब हास्य कलाकार बन गए हैं।
बात जांजगीर लोकसभा क्षेत्र की करें तो यहां मुकाबला कांटे का नजर आ रहा है। एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशी को स्थानीय विधायकों का खास समर्थन नजर नहीं आ रहा तो वहीं भाजपा में दलबदलुओं को जगह जगह मिल रहे मंच से पुराने कार्यकर्ताओं में हताशा नजर आ रहा है। ऐसे में दोनों ही पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं में थोड़ा थोड़ा असंतोष नजर आ रहा है। जहां तक जन चर्चा से सुनने को मिलता है कि इस चुनाव में काफी ज्यादा क्रॉस वोटिंग होने की संभावना बना हुआ है।