कल हजार रावण निकलेंगे एक पुतले को जलाने के लिए

 

कल हजार रावण निकलेंगे एक पुतले को जलाने के लिए।

कलयुग के राक्षसों को देख रावण भी है परेशान।

आखिर एक गलती पर यह समाज मुझे हर वर्ष जलाता है। आखिर कौन इस कलयुग में राम है जो हर वर्ष रावण जलाने का धर्म निभाता है।

धन के पीछे अंधे होकर करते हैं हर संभव अधर्म और दशहरे पर पुतला दहन कर निभाते हैं सत्य की धर्म।

 जयकारे जय श्री राम के लगाते फिर भी सामाजिक राक्षसों से डरते लोग।

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