सक्ती। सक्ती जिला के चार जनपद पंचायतों में से तीन—मालखरौदा, जैजैपुर और डभरा—में जनपद अध्यक्ष का चुनाव 04 मार्च को संपन्न हो चुका है, जहां भाजपा ने अपनी मज़बूत पकड़ साबित करते हुए जीत दर्ज की है। लेकिन जिला मुख्यालय सक्ती जनपद पंचायत में अध्यक्ष पद का चुनाव अभी बाकी है, और इसकी तारीख एक सप्ताह बाद 12 मार्च को तय की गई है। इस देरी को लेकर जनता के बीच तरह-तरह की चर्चाएँ हो रही हैं।
सक्ती में भाजपा के सामने कड़ी चुनौती
सक्ती जनपद पंचायत में अध्यक्ष पद को लेकर अब तक कोई स्पष्ट समीकरण उभरकर सामने नहीं आया है। भाजपा को यहाँ अपना अध्यक्ष बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। वहीं, कांग्रेस भी 14 सदस्यों के समर्थन का दावा कर रही है, जिससे मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।
सत्ता की जंग या उपाध्यक्ष पद की दौड़?
दिलचस्प बात यह है कि इस चुनावी माहौल में कुछ नेता पार्टीगत जीत-हार की बजाय उपाध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हुए हैं। ऐसे में राजनीतिक समीकरण पल-पल बदल रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के दावे
भाजपा अपनी जीत के लिए विकास के एजेंडे को आगे रख रही है और पार्टी के रणनीतिकार इसे जीत की ओर बढ़ता हुआ कदम मान रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस अपने पास 14 सदस्यों का समर्थन होने का दावा करते हुए अध्यक्ष पद पर फिर से कब्जा जमाने की रणनीति में जुटी है।
क्या भाजपा अपना वर्चस्व कायम रख पाएगी?
मालखरौदा, जैजैपुर और डभरा में भाजपा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी सक्ती में भी जीत हासिल करने की कोशिश में है, लेकिन यहाँ समीकरण पेचीदा होते जा रहे हैं। कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंक रही है और समीकरण बदलने की कोशिश में लगी हुई है। अब देखना होगा कि क्या भाजपा अपनी जीत की लय बरकरार रख पाती है या कांग्रेस फिर से अध्यक्ष पद पर काबिज होती है।
