खुले आसमान के नीचे साधना: छीता पड़रिया के जंगल में महात्मा की तपस्या बनी श्रद्धा का केंद्र
byHrishi pens•
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बाराद्वार से सटे ग्राम छीता पड़रिया के जंगल में एक महात्मा बीते महीने भर से खुले आसमान के नीचे धुनी रमाए तपस्या में लीन हैं। हनुमान जी की आराधना में जुटे यह साधक केवल दूध का सेवन करते हैं और मंगलवार व शनिवार को ही भक्तों से संवाद करते हैं।
हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बावजूद जंगल के बीच उनकी साधना को देखने और आशीर्वाद लेने श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, महात्मा की यह अनोखी साधना श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन गई है। छीता पड़रिया ग्राम, जो बाराद्वार से केवल 7 किमी दूर है, इस समय क्षेत्र के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बीते शनिवार को हजारों की संख्या में साधक बाबा धर्मराज के दर्शन करने पहुंचे भक्त,