ग्राम विकास की नई उम्मीद: डॉ. धीरेंद्र खूंटे ने बाराद्वार बस्ती से भरा सरपंच पद का नामांकन


बाराद्वार, सक्ती: सक्ती जिले के चिकित्सा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं जनसेवा के प्रति समर्पित डॉ. धीरेंद्र खूंटे ने अपने गृह ग्राम बाराद्वार बस्ती से सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान गांव में भारी उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों ने एकजुट होकर उनका समर्थन किया और उनके नेतृत्व में गांव के समग्र विकास की उम्मीद जताई।
चिकित्सा सेवा से जनसेवा तक का सफर - डॉ. धीरेंद्र खूंटे को उनके समाजसेवी कार्यों और चिकित्सा क्षेत्र में उनकी निःस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। वर्षों से वे गांव एवं आस-पास के क्षेत्रों में नि:शुल्क चिकित्सा सेवा और परामर्श प्रदान कर रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति उनकी जागरूकता मुहिम ने अनेक ग्रामीणों को लाभान्वित किया है। उनके प्रयासों से कई बार चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि दूर-दराज के मरीजों को भी राहत मिली।
गांव के विकास के लिए मजबूत संकल्प - नामांकन दाखिल करने के बाद डॉ. खूंटे ने कहा, "गांव की सेवा मेरा कर्तव्य है। अब तक मैंने स्वास्थ्य क्षेत्र में अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन अब ग्राम विकास की जिम्मेदारी लेना चाहता हूं। अगर जनता मुझे यह अवसर देती है, तो मैं गांव को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं के मामले में अग्रणी बनाऊंगा।"
उन्होंने ग्रामीणों से आशीर्वाद और सहयोग की अपील करते हुए कहा कि गांव के हर व्यक्ति की भागीदारी से ही समृद्धि लाई जा सकती है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर वे सरपंच चुने जाते हैं, तो गांव में बेहतर सड़कें, स्वच्छ जल, रोजगार के अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था प्राथमिकता होगी।

नामांकन रैली में उमड़ा जनसैलाब - डॉ. खूंटे के समर्थन में निकली नामांकन रैली में गांव के हर वर्ग और समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। रैली के दौरान ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया और भरोसा जताया कि उनके नेतृत्व में बाराद्वार बस्ती एक आदर्श ग्राम के रूप में विकसित होगा।

ग्रामवासियों की राय - ग्राम के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि डॉ. खूंटे न केवल एक प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं, बल्कि उनका व्यवहारिक ज्ञान और जनसेवा की भावना उन्हें एक योग्य जनप्रतिनिधि बनाती है। महिलाओं ने भी उनके समर्थन में आवाज उठाते हुए कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर उनका विशेष ध्यान महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

अब सभी की निगाहें आगामी चुनाव पर टिकी हैं। ग्रामीणों में इस बात को लेकर उत्सुकता है कि क्या डॉ. धीरेंद्र खूंटे अपनी चिकित्सा सेवा के साथ-साथ सरपंच के रूप में भी गांव की बेहतरी के लिए एक नई मिसाल कायम करेंगे।

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