बाराद्वार नगर पंचायत चुनाव: दोनों प्रमुख दलों के नामांकन रैली में दिखी गहमागहमी


बाराद्वार। नगर पंचायत चुनाव को लेकर नया बाराद्वार में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशियों के नामांकन के दौरान शक्ति प्रदर्शन किया, जिससे नगर की सियासत में हलचल मच गई है। इस बार चुनाव दिलचस्प होने वाला है क्योंकि भाजपा ने नारायण कुर्रे को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने दो बार की नगर अध्यक्ष रेशमा विजय सूर्यवंशी पर एक बार फिर भरोसा जताया है।
नामांकन के दिन दोनों दलों ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ अपनी ताकत दिखाई। भाजपा की रैली में करीब 300 कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और सेवा भाव से शामिल हुए। वहीं कांग्रेस की रैली में लगभग 700 समर्थकों की भीड़ उमड़ी, जिससे पार्टी के पक्ष में माहौल बनने की चर्चा होने लगी।
सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। क्या अधिक भीड़ का मतलब अधिक समर्थन है, या यह सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा?

भाजपा ने इस बार नारायण कुर्रे को प्रत्याशी बनाकर नए चेहरे पर दांव खेला है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि डबल इंजन की सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार) के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाना ही उनकी प्राथमिकता होगी। जनता भाजपा के साथ है। नगर में परिवर्तन की लहर है।
नामांकन के बाद भाजपा प्रत्याशी नारायण कुर्रे ने कहा, "भाजपा ने मुझे नगर की सेवा का अवसर दिया है, और मैं पूरी निष्ठा के साथ जनता के विकास के लिए काम करूंगा। हमारी सरकार की योजनाओं से जनता लाभान्वित हुई है, और मैं इन्हीं विकास कार्यों को आगे बढ़ाऊंगा।" जनता का पूरा साथ और समर्थन निस्वार्थ भाव से भाजपा को मिल रहा है 

भाजपा के स्थानीय नेताओं का मानना है कि नारायण कुर्रे पार्टी की विचारधारा और संगठन शक्ति के दम पर मजबूत दावेदारी पेश करेंगे।

कांग्रेस ने इस बार फिर रेशमा विजय सूर्यवंशी को प्रत्याशी बनाया है। वह लगातार दो बार नगर पंचायत बाराद्वार की अध्यक्ष रह चुकी हैं और अब तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। पार्टी को भरोसा है कि उनका अनुभव और कार्यशैली जनता को एक बार फिर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करेगी।

नामांकन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा विजय सूर्यवंशी ने कहा, "जनता ने मुझ पर पहले भी विश्वास जताया है, और इस बार भी मैं उनकी सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित हूं। बाराद्वार के विकास के लिए कांग्रेस हमेशा से प्रतिबद्ध रही है, और आगे भी जनता के हित में कार्य करेगी।" जनता दलगत भावना से ऊपर उठकर नगर विकास के कार्यों को मतदान करते हुए फिर से एक बार मतदाताओं का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि रेशमा विजय सूर्यवंशी का अनुभव और उनकी अब तक की उपलब्धियां पार्टी के पक्ष में माहौल बना सकती हैं।

क्या भीड़ ही जीत की गारंटी है? नामांकन के दिन कांग्रेस की रैली में ज्यादा भीड़ दिखी, जिससे कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव में जीत केवल भीड़ पर निर्भर नहीं करती, बल्कि जनता का भरोसा, प्रत्याशी की छवि और मुद्दे ज्यादा अहम भूमिका निभाते हैं।

क्या भाजपा का नया चेहरा जनता को पसंद आएगा?

क्या कांग्रेस की अनुभवी प्रत्याशी अपनी पकड़ बनाए रख पाएंगी?

क्या जनता विकास के मुद्दे पर मतदान करेगी, या स्थानीय समीकरण निर्णायक साबित होंगे?

जनता के फैसले का इंतजार - अब नजरें जनता के फैसले पर टिकी हैं। नामांकन रैलियों में जोश और उत्साह जरूर दिखा, लेकिन असली परीक्षा मतदान के दिन होगी। कौन जीतेगा बाराद्वार का चुनावी संग्राम? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।

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