भटगांव की 'सरपंच की कुर्सी': सत्ता या मौत का न्योता


धमतरी जिले का छोटा सा गांव भटगांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। वजह है सरपंच की कुर्सी, जिसे ग्रामीण अब "मौत का सिंहासन" कहने लगे हैं। वर्तमान पंच वर्षीय कार्य काल पूरा होने के पहले ही 2 सरपंच की मौत के साथ साथ अब तक यहां 4 सरपंचों की मौत हो चुकी है। अब हालत यह है कि आगामी चुनाव में कोई भी इस पद को संभालने की हिम्मत नहीं कर रहा। 

गांव में इस अजीब सिलसिले ने अंधविश्वास और दहशत को जन्म दे दिया है। कुछ लोग इसे भूत-प्रेत का असर मानते हैं, तो कुछ इसे श्रापित कुर्सी करार दे रहे हैं। वहीं, वैज्ञानिक सोच रखने वाले इसे महज एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग बताते हैं।

एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा, "पहले सोचा था कि यह इत्तेफाक है, लेकिन जब चौथे सरपंच की भी मौत हुई, तो गांववालों ने मान लिया कि यह पद अब किसी अभिशाप से कम नहीं।"

भटगांव की सरपंच की कुर्सी क्या किसी अदृश्य ताकत का शिकार है, या यह केवल अंधविश्वास है? यह रहस्य अभी सुलझना बाकी है, लेकिन फिलहाल गांववालों ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें सत्ता से ज्यादा अपनी जान प्यारी है।


Post a Comment

Previous Post Next Post