ग्राम बिछिया में हो रहा भव्य दुर्गोत्सव एवं श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का आयोजन


सक्ति (छत्तीसगढ़) जिला मुख्यालय के समीप स्थित ग्राम बिछिया में इन दिनों भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना हुआ है। यहाँ 3 अक्टूबर 2024 से सार्वजनिक दुर्गोत्सव एवं श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का भव्य आयोजन चल रहा है, जो 11 अक्टूबर 2024 तक जारी रहेगा। इस धार्मिक अनुष्ठान  समापन पर सहस्त्रधारा, पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ होगा, इस आयोजन से क्षेत्र भर के श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है।

इस कथा का वाचन प्रतिष्ठित धर्माचार्य पं. श्री सुरेन्द्र तिवारी जी (धर्मबांधा, नुआपाड़ा, उड़ीसा) द्वारा किया जा रहा है, जबकि परायणकर्ता पं. देवकीनंदन तिवारी (पुरूंगा वाले) हैं। कथा की शुरुआत मंगलमयी मूर्ति स्थापना, देव आह्वान और व्यास पूजन से हुई, जिसने भक्तों को धार्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत कर दिया।

पहले तीन दिवस की अद्भुत कथाएं

बीते तीन दिनों में व्यासपीठ से पं. सुरेन्द्र तिवारी जी ने भागवत महापुराण के गूढ़ रहस्यों और दिव्य लीलाओं पर प्रकाश डाला। पहले दिन (3 अक्टूबर) उन्होंने भागवत महात्म्य और संसार सृजन की कथा सुनाई, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को गहन आत्मिक अनुभव प्रदान किया।

दूसरे दिन (4 अक्टूबर) मधु-कैटभ के वध की कथा सुनाई गई, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय का महत्वपूर्ण संदेश छिपा था। इस दिन भक्तों ने भगवान विष्णु की महिमा को महसूस किया और मधु-कैटभ के दमन की वीरगाथा से प्रेरित हुए।

तीसरे दिन (5 अक्टूबर) सृष्टि की उत्पत्ति और विंध्य पर्वत की पौराणिक कथा का बखान किया गया। यह कथा श्रद्धालुओं को इतना भावविभोर कर गई कि वातावरण में भक्ति और आनंद की लहर दौड़ पड़ी।

आगे की कथा और मुख्य आयोजन

आने वाले दिनों में भागवत महापुराण के अन्य महत्वपूर्ण प्रसंग जैसे श्रीराम जन्म, श्रीकृष्ण अवतार, महिषासुर वध, तुलसी विवाह, सती चरित्र और पाण्डवों की जीवन यात्रा के रोमांचक प्रसंग सुनाए जाएंगे। यह आयोजन ग्रामवासियों की सहभागिता से हो रहा है, जो इसे और भी भव्य और पवित्र बना रहा है।

कथा का समय और स्थल

कथा प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक दुर्गा चौक, बिछिया में संपन्न हो रही है, जहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कथा श्रवण का पुण्य लाभ ले रहे हैं। इस धार्मिक आयोजन के दौरान ग्रामवासियों की समर्पण भावना और सेवा भाव देखते ही बनता है, जिसने आयोजन को सफल और सार्थक बनाया है।

भक्तों के लिए यह नौ दिन आत्मशुद्धि, भक्ति, और मोक्ष प्राप्ति का एक विशेष अवसर है।

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