नरोत्तम सहित 8 लोगों को नहीं दी जा रही थी सेलरी, तीन चुपचाप घर बैठ गए चौथे ने प्रताडि़त हो इस्तीफा दे दिया
लाइवलीहुड कॉलेज में कलेक्टर दर पर कार्यरत भृत्य नरोत्तम यादव की बीमारी से मौत के बाद एक बार फिर यह कॉलेज सुर्खियों में हैं, एक ओर जहां विभाग अपनी गलती को छिपाने के लिए नरोत्तम की सेलरी बकाया नहीं होने तथा उसके मौजूदा समय में लाइवलीहुड कालेज में काम नहीं करने संबंधी फाइल बनाने में जुटा हुआ है वहीं छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार नरोत्तम ही नहीं बल्कि यहां कलेक्टर दर पर कार्यरत आठ लोगों को लंबे समय से सेलरी नहीं दी जा रही थी, जिसकी वजह से 3 चुपचाप घर बैठ गए, एक ने आर्थिक स्थिति खराब होने और मानसिक रूप से प्रताडि़त होने का पत्र कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को लिखते हुए इस्तीफा दे दिया। जिन आठ लोगों को सेलरी नहीं दी जा रही थी उसमें से एक नरोत्तम जिला पंचायत जांजगीर चांपा में संलग्र था तो दो कलेक्टर कार्यालय जांजगीर चांपा में संलग्र थे, नियमानुसार संलग्र कर्मचारियों की मासिक उपस्थिति पेमेंट बनने के लिए जिला पंचायत और कलेक्टर कार्यालय से लाइवलीहुड भेजी जाती थी लेकिन यहां पदस्थ संविदा अधिकारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से शायद अपने आप को बड़ा समझने लगे यही वजह है कि सितंबर 2024 के बाद से उसने अटेंडेंस स्लीप को लेने से ही इंकार कर दिया थक हारकर जिला पंचायत एवं कलेक्टर कार्यालय के जवाबदार अधिकारियों ने एक दो माह बाद अटेंडेंस स्लीप भेजना ही बंद कर दिया जबकि कर्मचारी जिला पंचायत एवं कलेक्टोरेट में काम करते रहे।
8 कर्मचारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से लगाते रहे गुहार
लाईवलीहुड के जवाबदार अधिकारियों ने बजट नहीं होने का हवाला देते हुए जनवरी 2024 में दो लोगों की सेलरी रोक दी वहीं फरवरी 2024 में 6 अन्य लोगों की सेलरी रोक दी, बाद में जब बजट आया तो अधिकारी अपनी और अपने चहेते कर्मचारियों की सेलरी तो बनाते रहे लेकिन आठ कर्मचारी काम तो करते रहे लेकिन उन्हें पेमेंट नहीं मिला ऐसे में वो कभी कलेक्टर आफिस तो कभी जिला पंचायत कार्यालय में सेलरी की गुहार लगाते रहे। इन कर्मचारियों में नरोत्तम यादव के साथ साथ अशोक साहू, ओम प्रकाश यादव, भूपेन्द्र यादव, पंकज यादव, सरिता गढ़ेवाल, हिना सूर्यवंशी और अभिजीत यादव शामिल हैं। दिनांक 28 अगस्त 2024 को जिला पंचायत सीईओ तथा 4 सितंबर 2024 को कलेक्टर जांजगीर चांपा को दिए गए पत्र में इन कर्मचारियों ने लिखा है कि हम लोग जिला परियोजना लाइवलीहुड कालेज जांजगीर में कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारी है जो कि 08-09 वर्ष से इस कार्यालय में अपनी सेवा देते आ रहे हैं, पिछले वर्षो तक वेतन संबंधी समस्या नहीं हुई थी लेकिन इस वर्ष जनवरी 2024 से अभी तक वेतन का भुगतान नहीं हो पाया है। कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ से गुहार लगाने के बाद भी इन कर्मचारियों की समस्या ज्यों की ज्यों बनी रही।
वेतन नही मिलने से 3 घर बैठे, भूपेन्द्र ने दिया इस्तीफा
अगस्त 2024 और सितंबर 2024 में जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर जांजगीर चांपा के समक्ष आठ कर्मचारियों ने काम करने के बाद भी वेतन नहीं मिलने तथा उससे घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की शिकायत की थी। ये सभी कर्मचारी कलेक्टर दर पर थे, बजट को लेकर किसी तरह की समस्या थी या आवश्यकता से अधिक कर्मचारी कार्यरत थे तो इन्हें सीधा मना किया जा सकता था पर लाइवलीहुड के अधिकारी इनसे काम तो लेते रहे वहीं इतना प्रताडि़त करते रहे की वो थक हारकर खुद से घर बैठ जाए, अंत में यही हुआ भी, बिना वेतन मिले कार्य कर रहे लोगों के समक्ष जब घर चलाने की समस्या आई तो अशोक साहू, सरिता गढ़ेवाल और अभिजीत यादव चुपचाप घर बैठ गए। भूपेन्द्र कुमार यादव जो कि कलेक्टोरेट में शहरी विकास अभिकरण में संलग्र था उसने लाइवलीहुड के जवाबदार अधिकारी सहित कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को 6 नवंबर 2024 को पत्र लिख जानकारी दी कि 9 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है और वह मानसिक स्थिति से गुजर रहा है इसलिए आगे कार्य करने में असमर्थ है, और उसने भी कार्य करना बंद कर दिया। एक अभी भी कलेक्टोरेट कार्यालय में पदस्थ है वहीं लाइवलीहुड उसकी उपस्थिति भी नहीं ले रहा, वहीं दो अन्य लाइवलीहुड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री के डर से एक माह का मिला वेतन
अक्टूबर 2024 के अंतिम सप्ताह में दीपावली का त्यौहार था, दीपावली में किसी के घर में अंधेरा ना रहे ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से त्यौहार से पहले वेतन मिल जाए। दीपावली में भी लाइवलीहुड में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने की शिकायत मुख्यमंत्री तक ना पंहुचे ये सोच इन कर्मचारियेां को एक माह का वेतन दे शांत करा दिया गया था। दीपावली बीतने के बाद फिर से इनके बताया वेतन के भुगतान के लिए किसी तरह की पहल नहीं की गई।
अब नरोत्तम मामले में घालमेल की तैयारी...
लाइवलीहुड के जवाबदार अधिकारी मयंक शुक्ला कौशल विकास के भी प्रभारी हैं इनके खिलाफ शुरू से ही ट्रेनर की शिकायत, फिंगर प्रिंट मामला, कोणस्थ वेलफेयर की शिकायत, प्रशिक्षण के नाम पर खेला करने, वीटीटी संचालको सहित इतनी शिकायत है कि छापने बैठे तो महीनों तक सिरीज खत्म ना हो, नया मामला नरोत्तम यादव की मौत का है पता चला है कि उससे पार पाने के लिए नरोत्तम यादव के सितंबर 2024 तक काम करने और उस समय तक का पुरा वेतन भुगतान करने की सफाई देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पता चला है कि नरोत्तम के गंभीर रूप से बीमार होने के बाद मार्च 2025 में दो माह का और अप्रैल 2025 में दो माह के उनके पुराने वेतन का भुगतान उनके खाते में किया जा चुका है। नरोत्तम यादव जिला पंचायत में संलग्र था तथा फरवरी 2025 में गंभीर बीमारी से बिलासपुर के एक निजी हास्पिटल में आपरेशन के लिए भर्ती होने तक वह जिला पंचायत में काम करता रहा इसकी पुष्टि जिला पंचायत से हो सकती है।

