अब बोर्ड परीक्षा के बाद ही मनेगा होली

परीक्षा का दौर चल रहा है साथ ही इसी बीच होली भी आ गया तो होली की खास खबर के साथ हाजिर है आपका हमर संवाद छत्तीसगढ़ के सक्ति जनपद में इस बार होली का रंग कुछ खास है, क्योंकि जनपद बोर्ड परीक्षा की तारीखें ऐसे बदल रही हैं जैसे नेता अपना बयान! हर दिन नई तारीख के ऐलान से छात्रों के दिमाग में रंगों का ऐसा घालमेल हो गया है कि समझ नहीं आ रहा कि परीक्षा दें या होली खेलें। छात्र परेशान हैं, होली कहां मनाएं कहीं किसी ने देख लिया तो परीक्षा की तैयारी में भारत भ्रमण पर न ले जाए

तिथि का टेढ़ा खेल:

जनपद बोर्ड परीक्षा की समय सारणी में ऐसे बदलाव हो रहे हैं जैसे होली के रंगों में पानी मिलाकर नए शेड बनाए जा रहे हों। पहले तारीख इधर, फिर उधर - और अब होली के बाद परीक्षा! छात्रों ने भी तारीखें याद रखने के लिए रंग-बिरंगी चिटें बनानी शुरू कर दी हैं। बोर्ड परीक्षा के बढ़ते तारीख के कारण अब होली जैसे रंगीले त्यौहार में भी छात्रों को घर जाने की अनुमति नहीं मिल पा रही।
परीक्षा केंद्र प्रभारी ने कहा कि हम सभी को सन्नी देवल जी से सिख लेने की जरूरत है। उनके जैसे बड़े स्टार को एक बार में तारीख नहीं मिला तो हम डगमगाती नैय्या पर कैसे तारीख तय कर सकते है।

नकल के लिए अक्ल का "रंग-तंत्र":

तारीखों के इस रंग-बदलू खेल ने नकल के आसार भी खूब बढ़ा दिए हैं। छात्रों का कहना है कि "जनपद में नकल करने वालों की चहेती तारीख तय करने का होली महोत्सव चल रहा है!"
कुछ समझदार छात्रों ने कटाक्ष किया, "लगता है, फैल होने के डर से होली का रंग खेलकर परीक्षा की तिथियों पर विचार का निर्णय लिया गया है!"

भगवा का फीका रंग:

अब राजनीति का रंग भी इस होली में घुल गया है। कहा जा रहा है कि "भगवा रंग में रंगने वालों की संख्या कम है," इसलिए तारीखें बदली जा रही हैं। जनपद अध्यक्ष चुनाव की सुगबुगाहट के बीच यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं चहेते छात्रों को अव्वल लाने की साजिश तो नहीं चल रही!

छात्रों की होली रैली:

परीक्षा से परेशान छात्रों ने होली के मौके पर रंग-बिरंगी तख्तियां उठाकर नारा लगाया, "तारीख बदले या न बदले, हमारी मेहनत नहीं बदलेगी!"
किसी ने तंज कसा, "तिथि बदलने वाले भी होली में ऐसे रंगे कि अब खुद को पहचान नहीं पा रहे!"

होली का संदेश:

इस बार सक्ती जनपद की होली में नकल, राजनीति और परीक्षा की तिथियों का ऐसा कॉकटेल बना है कि हर कोई कंफ्यूज है।
छात्रों का कहना है, "होली का असली रंग तो तब आएगा जब परीक्षा की तारीखें फिक्स हो जाएं और नकल के अरमान धुल जाएं!"

तो भाइयों और बहनों, रंगों का ये सियासी खेल देखते रहिए और होली का असली मजा लीजिए!
होली है!

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