ग्राम सिनोधा में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन संपन्न

 

सिनोधा (नेवरा): ग्राम सिनोधा में दिनांक 22 दिसंबर से 30 दिसंबर 2024 तक आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का सफल समापन भक्ति और उल्लास के माहौल में हुआ। स्वर्गीय श्रीमती सुलोचना वैष्णव की पुण्य स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम ने पूरे क्षेत्र में भक्ति की गंगा प्रवाहित की। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण कर अपने जीवन को धर्ममय किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ 22 दिसंबर को एक विशाल कलश यात्रा के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर गांव की गलियों में भक्ति की धारा बहाई। इसके बाद वेदपाठ और मंत्रोच्चार के साथ कथा का प्रारंभ किया गया।

कथावाचक पं. रामकुमार शर्मा (मजरकट्टा, गरियाबंद) ने अपनी ओजस्वी वाणी से भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं एवं कथाओं का रसपान कराया। प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक कथा का आयोजन हुआ। कथा  में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: बालकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। सुदामा चरित्र: मित्रता और समर्पण का संदेश देने वाला यह प्रसंग श्रोताओं को जीवन मूल्य समझाने में सफल रहा। रुक्मिणी विवाह और गोवर्धन लीला: भक्तों ने इन प्रसंगों को बड़े उत्साह और भावनात्मक जुड़ाव के साथ सुना। गीता उपदेश: भगवान श्रीकृष्ण के ज्ञानपूर्ण उपदेशों ने जीवन के गूढ़ रहस्यों को सरलता से समझाया।

इस आयोजन ने पूरे गांव में भक्तिमय माहौल बना दिया

गांव के हर वर्ग ने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। युवा, वृद्ध, महिलाएं और बच्चे सभी ने भक्ति से ओत-प्रोत वातावरण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आयोजन स्थल को रंगीन रोशनी और फूलों से सजाया गया था, जिससे पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।

भंडारे और पूर्णाहुति के साथ समापन

कथा के अंतिम दिन पूर्णाहुति, दान और सहस्त्रधारा स्नान का आयोजन किया गया। इसके पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में श्रद्धालुओं को आत्मीयता और सेवा भाव से भोजन कराया गया।

इस धार्मिक कार्यक्रम के सफल आयोजन का श्रेय सुरेंद्र दास वैष्णव, दिव्य कुमार-भारती वैष्णव, और देवेंद्र कुमार वैष्णव को जाता है। साथ ही, रवींद्र वैष्णव, सुरेश वैष्णव, और जगन्नाथ वैष्णव सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों ने अपना विशेष योगदान दिया।

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