मुक्ताराजा बाराद्वार में गढ़ उत्सव का भव्य आयोजन, भूपेंद्र यादव बने विजेता


बाराद्वार, 13 अक्टूबर: मुक्ताराजा बाराद्वार में शनिवार को ऐतिहासिक गढ़ उत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें पूरे क्षेत्र की सांस्कृतिक धड़कन और जोश को महसूस किया गया। यह कार्यक्रम जहां प्रतिभाओं के अद्भुत प्रदर्शन का साक्षी बना, वहीं भूपेंद्र यादव ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से विजेता का ताज अपने नाम किया। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट ने माहौल को जीवंत बना दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेश शर्मा (अन्नपूर्णा बाराद्वार) ने अपने संबोधन में कहा, "गढ़ उत्सव न केवल हमारे इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह युवाओं को एकजुट करने का मंच भी है। ऐसे आयोजनों से हमारी जड़ें और मजबूत होती हैं, और युवा पीढ़ी को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर मिलता है। इस आयोजन में शामिल होकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है, और मैं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देता हूं।"

कार्यक्रम अध्यक्ष विजय सूर्यवंशी (उपाध्यक्ष, नगर पंचायत बाराद्वार) ने अपने प्रेरक विचार साझा करते हुए कहा, "बाराद्वार में गढ़ उत्सव का आयोजन हमारे नगर की समृद्ध संस्कृति और भाईचारे का प्रतीक है। यह मंच हमें आपस में जोड़ता है और हमारे भीतर छिपी क्षमताओं को बाहर लाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। इस उत्सव ने बाराद्वार को एक नई पहचान दी है और मैं इसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।"

विशिष्ट अतिथि राजकमल कालनोरिया, नारायण कुर्रे, दीपक ठाकुर, अजय ठाकुर, ओमप्रकाश कुर्रे, आयुष शर्मा और सचिन शर्मा की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और गरिमा प्रदान किया 

प्रतियोगिताओं के साथ सांस्कृतिक रंगारंग प्रस्तुतियों ने उत्सव में चार चांद लगाए। विभिन्न लोक नृत्यों और गीत-संगीत के कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया। यह कार्यक्रम न केवल मनोरंजन का साधन बना बल्कि समाज को एकता और सद्भाव का संदेश भी दिया।

विजेता भूपेंद्र यादव को सम्मानित करते हुए मंच से कहा गया कि उनकी सफलता आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। 

समाज के सभी वर्गों की भागीदारी ने इस आयोजन को यादगार बना दिया। इस तरह के आयोजनों से न केवल सांस्कृतिक धरोहर जीवंत रहती है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और एकजुटता को भी मजबूत करती है।

इस भव्य आयोजन ने यह साबित कर दिया कि बाराद्वार की संस्कृति और समाज में रचनात्मकता और परंपरा का समावेश अद्वितीय है, और ऐसे उत्सव भविष्य में भी हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखने में मदद करेंगे।

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