भक्तों के बीच पहुंचे नंदलाल

 

रायगढ़। श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की कथा में भगवान श्री कृष्ण जी की जन्म कथा श्रोताओं को सुनाते हुए ब्यास भगवान ने कहा की। भगवान श्री कृष्ण कारागार में एक दिव्य ज्योति स्वरूप माता देवकी की गर्भ से अवतरित हुए।

भगवान के मानव अवतार को लेकर चारों दिशाओं, धरती, गगन, प्रकृति, सहित देवी देवताओं ऋषियों सभी ने एक स्वर में गुणगान करते हुए उनके स्वागत और दर्शन को लालायित खड़े रहे। भगवान श्री कृष्ण के अवतरित होते ही समस्त ब्रह्माण्ड खुशियों से झूमने लगा। धरा पर पालनहार के अवतार को लेकर भक्तों को कथा सुनाते हुए ब्यास्पीठ से पंडित रोमेश महाराज कहते हैं कि भगवान के अवतार की कथा और उनकी लीला अपरम्पार है। हरी अनंत हरी कथा अनंता। उनकी लीला के बखान के लिए सात दिन क्या सात जन्म कम है। धन्य धन्य वह धरा है जिस पर बांके बिहारी ने अपने चरण रखा है। धन्य धन्य भारत देश जिसमें प्रभु ने मानव के रूप में आनेको बार अवतरण लिया है।

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