भगवान की कृपा पात्र बनने के लिए सरल होना जरूरी है। पण्डित सुरेंद्र तिवारी

 सरल ब्यक्ति को ही भगवान मिलते हैं। पण्डित सुरेंद्र तिवारी

बाराद्वार। ग्राम पंचायत हथनेवरा में सम्पन्न हुए श्रीमद्भागवत


सरल ब्यक्ति को ही भगवान मिलते हैं। पण्डित सुरेंद्र तिवारी
बाराद्वार। ग्राम पंचायत हथनेवरा में सम्पन्न हुए श्रीमद्भागवत कथा में ब्यासपीठ से पंडित सुरेंद्र तिवारी ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा की भगवान को पाने के लिए किसी योग्यता की जरूरत नहीं है। योग्य होने मात्र से भगवान प्राप्त नहीं होते। अपितु भगवान को पाने के लिए व्यक्ति को सरल होना जरूरी है। जिस व्यक्ति में सरलता है वही भगवान की तरलता को प्राप्त कर सकता है। सरल अर्थात स से माता सीता, र से भगवान राम और ल से लक्ष्मण जी इस प्रकार जिसने जीवन में सरलता अपना लिया जिसने जीवन को सरल बना लिया उसके अंदर स्वयं भगवान सीताराम और लक्ष्मण जी समाहित हो जाते हैं।
मां संतोषी स्व सहायता समूह एवं समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में ब्यासपीठ से कथा वाचक पण्डित सुरेंद्र तिवारी ने सात दिवसीय ज्ञान कथा के दौरान श्रोता भक्तों को भगवान की विभिन्न लीलाओं एवं महिमा को विस्तार से भक्तों को सुनाया। जिसमें भागवत कथा के प्रथम दिवस शाम को जल यात्रा निकाला गया । दूसरे दिवस भागवत महात्म्य एवं गोकर्ण उपाख्यान। तीसरे दिवस की कथा में सुकदेव जन्म, महाभारत, कुंती चरित्र, चतुर्थ दिवस ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, भगवान नरसिंह अवतार, वामन अवतार की कथा। पंचम दिवस श्री राम जन्मोत्सव कथा एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव व झांकी। छठे दिन बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग। सप्तम दिवस महारास रूखमणी विवाह की कथा एवं झांकी। आठवें दिन सुदामा चरित्र,परीक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा विश्राम किया गया। कथा के अंतिम दिवस हवन पूजन, पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ संपन्न हुआ।





कथा में ब्यासपीठ से पंडित सुरेंद्र तिवारी ने श्रोताओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा की भगवान को पाने के लिए किसी योग्यता की जरूरत नहीं है। योग्य होने मात्र से भगवान प्राप्त नहीं होते। अपितु भगवान को पाने के लिए व्यक्ति को सरल होना जरूरी है। जिस व्यक्ति में सरलता है वही भगवान की तरलता को प्राप्त कर सकता है। सरल अर्थात स से माता सीता, र से भगवान राम और ल से लक्ष्मण जी इस प्रकार जिसने जीवन में सरलता अपना लिया जिसने जीवन को सरल बना लिया उसके अंदर स्वयं भगवान सीताराम और लक्ष्मण जी समाहित हो जाते हैं।

मां संतोषी स्व सहायता समूह एवं समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में ब्यासपीठ से कथा वाचक पण्डित सुरेंद्र तिवारी ने सात दिवसीय ज्ञान कथा के दौरान श्रोता भक्तों को भगवान की विभिन्न लीलाओं एवं महिमा को विस्तार से सुनाया। जिसमें भागवत कथा के प्रथम दिवस शाम को जल यात्रा निकाला गया । दूसरे दिवस भागवत महात्म्य एवं गोकर्ण उपाख्यान। तीसरे दिवस की कथा में सुकदेव जन्म, महाभारत, कुंती चरित्र, चतुर्थ दिवस ध्रुव चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, भगवान नरसिंह अवतार, वामन अवतार की कथा। पंचम दिवस श्री राम जन्मोत्सव कथा एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव व झांकी। छठे दिन बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग। सप्तम दिवस महारास रूखमणी विवाह की कथा एवं झांकी। आठवें दिन सुदामा चरित्र,परीक्षित मोक्ष की कथा के साथ कथा विश्राम किया गया। कथा के अंतिम दिवस हवन पूजन, पूर्णाहुति एवं भंडारा के साथ संपन्न हुआ।

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